मंगू राम जी का जन्म 14 जनवरी, १८८६ में जिला होशियारपुर के एक गांव में हुआ था, इनके पिता, हरमन दास एक पारंपरिक चमार जाति से थे और चमड़े के व्यावसाय में थे | बाद में उन्होंने ये पेशा छोड़ दिया था। मंगू राम की मां अत्रि की मृत्यु मंगू राम के तीन साल की उम्र में हो गई थी, इसलिए पिता सहायता के लिए अपने बेटों - मंगू और उनके दो भाई पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता था। मंगू राम के पिता को उच्च जातियों के साक्षर सदस्यों पर भरोसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता था ताकि वे बिक्री के आदेश और अन्य निर्देशों को पढ़ सकें जो की अंग्रेजो ने बनाये थे। एक घंटे के उनके पढ़ने के लिए उन्हें उन लोगों का एक दिन का कच्चा श्रम करना होगा। इसी वजह से मंगू राम के पिता अपने बेटे को प्रारंभिक शिक्षा दिलाने के लिए उत्सुक थे और मांगू राम भी पढ़ने में रूचि लेते थे| जब मंगू राम सात वर्ष के थे, तो उन्हें एक गाँव के साधु (संत) ने पढ़ाया और जल्द ही उन्होंने स्कूल पढ़ाई सुरु कर दी| निम्न जाती का होने के कारन उनके लिए पड़ना इतना आसान नहीं था| स्कूल में मंगू राम ही अनुसूचित जाति के छात्र थे| वह कक्षा में सबसे पीछे या य...
सम्राट अशोक, छत्रपति शाहूजी महाराज, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहेब आंबेडकर जी, कांशीराम जी व अन्य महापुरुषों से प्रेरित बहुजन विषयों पर एक नज़र|