2017 और 2022 में जब मैं अपने आस-पास UP के क्षेत्र के लोगों से चुनावी सर्वे और जमीनी हकीकत जानने के लिए बात करता था और मैं जानता था कि जिन लोगों को थोड़ी सी भी राजनीतिक समझ होती है, वे बसपा के संगठन ढांचे की तारीफ करते हैं | 2017 से पहले जाति समावेशन और धनबल के संयोजन ने बसपा को कई जीत दिलाई। मायावती जी के कई सामाजिक कार्यों के बावजूद, विपक्षी दलों ने उनके कुछ कार्यों की जमकर निंदा की, जैसे कि अपनी खुद की मूर्ति लगवाना। यह बात विपक्षियों को पता चल गई थी और उन्होंने इसी के जरिए अपने उम्मीदवार चुनने शुरू कर दिए थे। उम्मीदवार का चयन करने के लिए धन शक्ति अभी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। नीचे दिए गए ग्राफ से स्पष्ट है कि भाजपा उम्मीदवार की औसत संपत्ति 61 लाख से बढ़कर 750 लाख हो गई और बसपा के लिए यह 86 लाख से बढ़कर 480 लाख हो गई। मेरे हिसाब से BSP के लिए अभी भी उम्मीद है की बहुत मजबूती से वापसी कर सकती है| 2017 में बीजेपी के जीते 30 विधायक बसपा के थे. बसपा छोड़ने वालों की संख्या हमेशा किसी भी अन्य पार्टी को छोड़ने वालों की संख्या से अधिक होती है। आप देखेंगे कि बसपा छोड़ने वालों का जीत का अनु...
सम्राट अशोक, छत्रपति शाहूजी महाराज, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहेब आंबेडकर जी, कांशीराम जी व अन्य महापुरुषों से प्रेरित बहुजन विषयों पर एक नज़र|